काश ! एक तो ख्वाइश पूरी हो मेरी इबादत के बगैर

Kash ek to khwahish

काश ! एक तो ख्वाइश पूरी हो मेरी इबादत के बगैर वो मुझे अपने गले से लगाए मेरी

मेरी एक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए

meri ek chhoti si

मेरी एक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए बन गई है मसअला सारे ज़माने के लिए,

अकेले छोड़ जाते हो ये तुम अच्छा नहीं करते

Akele Chod jate ho

अकेले छोड़ जाते हो ये तुम अच्छा नहीं करते हमारा दिल दुखाते हो ये तुम अच्छा नहीं करते,

क़िस्से मेरी आशुफ़्ता नवाई के बहुत थे

Qisse meri ashufta nawai

क़िस्से मेरी आशुफ़्ता नवाई के बहुत थे चर्चे तेरी अंगुश्त नुमाई के बहुत थे, दुनिया की तलब ही

दिल से मंज़ूर तेरी हम ने क़यादत नहीं की

Dil se manzoor teri

दिल से मंज़ूर तेरी हम ने क़यादत नहीं की ये अलग बात अभी खुल के बग़ावत नहीं की,

नज़र नज़र से मिला कर कलाम कर आया

Nazar nazar se mila

नज़र नज़र से मिला कर कलाम कर आया ग़ुलाम शाह की नींदें हराम कर आया, कई चराग़ हवा

मुश्किल है कि अब शहर में निकले कोई घर से

Mushkil hai ki ab

मुश्किल है कि अब शहर में निकले कोई घर से दस्तार पे बात आ गई होती हुई सर

बहुत मुमकिन था हम दो जिस्म और एक जान हो जाते

Bahut Mumkin tha ham

बहुत मुमकिन था हम दो जिस्म और एक जान हो जाते मगर दो जिस्म सिर्फ़ एक जान से

तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ

tu phool ki manind

तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ अब के किसी बेनाम से मौसम की तरह आ,

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है

Dua ka tuta hua

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है तेरी जुदाई का मंज़र अभी निगाह में है, तेरे