हम ने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
हम ने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर दिल से गुज़री हैं सितारों की बरातें अक्सर, और
Occassional Poetry
हम ने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर दिल से गुज़री हैं सितारों की बरातें अक्सर, और
तू इस क़दर मुझे अपने क़रीब लगता है तुझे अलग से जो सोचूँ अजीब लगता है, जिसे न
जब लगे ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाये है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाये,
है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूबतर कहाँ अब ठहरती है देखिए जा कर नज़र कहाँ हैं दौर
बिगड़ने वाला किसी दिन सँवर ही जाएगा मिज़ाज ए दोस्त बिल आख़िर सुधर ही जाएगा, मरीज़ ए इश्क़
सहरा के संगीन सफ़र में आबरसानी कम न पड़े सारी आँखें भर कर रखना देखो पानी कम न
शेर बनाना मेंरा ख़ुद को बनाना भी है ये जो है अल्फ़ाज़ में मेरा ज़माना भी है, तुझको
तमाम शहर की ख़ातिर चमन से आते हैं हमारे फूल किसी के बदन से आते हैं, हम उन
तेरा भला हो तू जो समझता है मुझ को ग़ैर आँखों पे आँखें रख तो कि कर लूँ
तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त तू मेंरी पहली मोहब्बत थी मेंरी