ताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है…

mujh me hai khamiyan

मुझ में है खामियाँ मुज़रिम बता रहे हैताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है, ज़ुल्म तो ये है

मुहब्बत की झूठी अदाओं पे साहब

Mohabbat ki jhuthi adaaon

मुहब्बत की झूठी अदाओं पे साहबजवानी लुटाने की कोशिश न करना, बड़े बेमुरौत होते है ये हुस्न वालेकही

किसी की आँखों में ऐसा कभी ख़ुमार न था

kisi ki aankhon me

किसी की आँखों में ऐसा कभी ख़ुमार न थाकि जिसका सारे जहाँ में कोई उतार न था, न

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहते

manzil pe naa pahunche

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहतेदो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते इक हम हैं

मुझे गुमनाम रहने का

mujhe gumnam rahne ka

मुझे गुमनाम रहने काकुछ ऐसा शौक है हमदमकिसी बेनाम सहरा मेंभटकती रूह हो जैसे, जहाँ साये तरसते होकिसी

इख़्तियार ए संजीदगी अक्सर जवानी उजाड़ देती है

ikhtiyar-e-zindagi-aksar

इख़्तियार ए संजीदगीअक्सर जवानी उजाड़ देती है रवानी ए ज़िन्दगी कोवहशत उजाड़ देती है, एक छोटी सी गलती

तड़पता हूँ मैं लैल ओ नहार

tadapta hoon main lail

तड़पता हूँ मैं लैल ओ नहारलम्हा भर वो भी तड़पती होगी दुआओं में वो भी ख़ुदा सेकोई फ़रियाद