झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा…

झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना

झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा यार तेरा तो हर एक बहाना झूठा, कैसे ऐतबार करूँ फिर से तुझ

आज के माहौल में इंसानियत बदनाम है…

आज के माहौल में इंसानियत बदनाम है ये इनाद ए बाहमी का ही फ़क़त अंजाम है, हक़ शनासी

तुख़्म ए नफ़रत बो रहा है आदमी…

tukhm e nafrat bo raha hai aadmi

तुख़्म ए नफ़रत बो रहा है आदमी आदमियत खो रहा है आदमी, ज़िंदगी का नाम है जेहद ए

अगर सफ़र में मेरे साथ मेरा यार चले…

agar safar me mere saath mera yaar chale

अगर सफ़र में मेरे साथ मेरा यार चले तवाफ़ करता हुआ मौसम ए बहार चले, लगा के वक़्त

बूढ़ा टपरा, टूटा छप्पर और उस पर बरसातें सच..

budha tappar tuta chhappar aur uspar barsate sach

बूढ़ा टपरा, टूटा छप्पर और उस पर बरसातें सच उसने कैसे काटी होंगी, लंबी लंबी रातें सच, लफ़्जों

समझ रहे थे कि अपनी सुधर गई दुनियाँ…

समझ रहे थे कि अपनी सुधर गई दुनियाँ हमें तो मुफ़्त में बदनाम कर गई दुनियाँ, मुतालबों से

मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है…

main dahshatgard tha marne pe beta bol sakta hai

मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है हुकूमत के इशारे पे तो मुर्दा बोल सकता है,

ये संसद है यहाँ भगवान का भी बस नहीं चलता…

ye sansad hai yahan bhagwan ka bhi bas nahi chalta

ये संसद है यहाँ भगवान का भी बस नहीं चलता जहाँ पीतल ही पीतल हो वहाँ पारस नहीं

अजब दुनिया है नाशायर यहाँ पर सर उठाते हैं..

hamare gaaon me chhappar bhi sab mil kar uthate hai

अजब दुनिया है नाशायर यहाँ पर सर उठाते हैं जो शायर हैं वो महफ़िल में दरी चादर उठाते

हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है..

urdu ko sab fariyadi batate hai

हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है यह पगली फिर भी अब तक ख़ुद को शहज़ादी