दिल से उतर जाने में एक लम्हा लगता है
दिल से उतर जाने में एक लम्हा लगता है दिल के बदल जाने में एक लम्हा लगता है,
Occassional Poetry
दिल से उतर जाने में एक लम्हा लगता है दिल के बदल जाने में एक लम्हा लगता है,
दर्द कई होते है दिल में छुपाने के लिए सब के सब आँसू नहीं होते दिखाने के लिए,
ख़्वाब के फूलों की ताबीरें कहानी हो गईं ख़ून ठंडा पड़ गया आँखें पुरानी हो गईं, जिस का
अज़ीब कर्ब में गुज़री जहाँ जहाँ गुज़री अगरचे चाहने वालो के दरमियाँ गुज़री, तमाम उम्र चिराग़ ए उम्मीद
तेरी यादें, तेरी बातें, तेरी ख़ामोशी, तेरा फ़िक्र तेरा ज़िक्र, अब सब कुछ आसान सा लगता है, तू
अंज़ाम नहीं मिलता, उन्वान नहीं मिलता कम इश्क़ के दरिया में तूफ़ान नहीं मिलता, रोते है लिपट के
मेरी एक छोटी सी कोशिश तुम्हे पाने के लिए बन गई है मसअला सारे ज़माने के लिए, रेत
अधूरे ख़्वाब की अनोखी ताबीर होती है हर हाथों में मुहब्बत की लकीर होती है, जरूरी तो नहीं
किसी दिन तो तू भी मुहब्बत हक़ीक़ी कर के देख कैसे जीते है तेरे बगैर तू भी तो
ऐसे मौसम में भला कौन जुदा होता है जैसे मौसम में तू हर रोज़ खफ़ा होता है, रोज़