किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है

kisi se khush hai kisi se khafa

किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है वो शहर में अभी शायद नया नया सा

जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं

jahan na teri mahak ho udhar na

जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं मेरी सरिश्त सफ़र है गुज़र न जाऊँ मैं, मेरे

राक्षस था न ख़ुदा था पहले

rakshas tha na khuda tha pahle

राक्षस था न ख़ुदा था पहले आदमी कितना बड़ा था पहले, आसमाँ खेत समुंदर सब लाल ख़ून काग़ज़

तेरा सच है तेरे अज़ाबों में

tera sach hai tere azaabon me

तेरा सच है तेरे अज़ाबों में झूठ लिखा है सब किताबों में, एक से मिल के सब से

कच्चे बख़िये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं

kachche bakhiye ki tarah rishte

कच्चे बख़िये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं लोग मिलते हैं मगर मिल के बिछड़ जाते हैं, यूँ

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया

koshish ke bavjood ye

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया हर काम में हमेशा कोई काम रह गया, छोटी थी उम्र

कोई हिन्दू कोई मुस्लिम कोई ईसाई है

koi hindu koi muslim

कोई हिन्दू कोई मुस्लिम कोई ईसाई है सब ने इंसान न बनने की क़सम खाई है, इतनी ख़ूँ-ख़ार

मुट्ठी भर लोगों के हाथों में लाखों की तक़दीरें हैं

Mutthi bhar logo ke

मुट्ठी भर लोगों के हाथों में लाखों की तक़दीरें हैं जुदा जुदा हैं धर्म इलाक़े एक सी लेकिन

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे

Tanha tanha dukh jhelenge

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनाएँगे, तुम जो

हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो

har ek ghar me diya bhi jale

हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो अगर न हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी