मोहब्बत में वफ़ादारी से बचिए

mohabbat me wafadari se bachiye

मोहब्बत में वफ़ादारी से बचिए जहाँ तक हो अदाकारी से बचिए, हर एक सूरत भली लगती है कुछ

न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है

na jaane kaun saa manzar nazar me rahta hai

न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है, लड़ाई देखे

इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी

insan me haiwan yahan bhi hai wahan bhi

इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी अल्लाह निगहबान यहाँ भी है वहाँ भी, ख़ूँ ख़्वार दरिंदों

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ

dekha hua saa kuch hai to socha hua saa kuch

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा

ज़मीन दी है तो थोड़ा सा आसमान भी दे

zameen dee hai to thoda saa aasmaan bhi de

ज़मीन दी है तो थोड़ा सा आसमान भी दे मेरे ख़ुदा मेरे होने का कुछ गुमान भी दे,

गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया

girja me mandiron me azaanon me bat gaya

गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया, इक इश्क़

किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है

kisi se khush hai kisi se khafa

किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है वो शहर में अभी शायद नया नया सा

जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं

jahan na teri mahak ho udhar na

जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं मेरी सरिश्त सफ़र है गुज़र न जाऊँ मैं, मेरे

राक्षस था न ख़ुदा था पहले

rakshas tha na khuda tha pahle

राक्षस था न ख़ुदा था पहले आदमी कितना बड़ा था पहले, आसमाँ खेत समुंदर सब लाल ख़ून काग़ज़

तेरा सच है तेरे अज़ाबों में

tera sach hai tere azaabon me

तेरा सच है तेरे अज़ाबों में झूठ लिखा है सब किताबों में, एक से मिल के सब से