मान ले अब भी मेरी जान ए अदा दर्द न चुन

maan le ab bhi meri jaan e adaa

मान ले अब भी मेरी जान ए अदा दर्द न चुन काम आती नहीं फिर कोई दुआ दर्द

डूबता साफ़ नज़र आया किनारा कोई दोस्त

doobta saaf nazar aaya kinara koi

डूबता साफ़ नज़र आया किनारा कोई दोस्त फिर भी कश्ती से नहीं हम ने उतारा कोई दोस्त, जब

तेरी जानिब अगर चले होते

teri zanib agar chale hote

तेरी जानिब अगर चले होते हम न यूँ दर ब दर हुए होते, सारी दुनिया है मेरी मुट्ठी

कितनी ज़ुल्फ़ें उड़ीं कितने आँचल उड़े चाँद को क्या ख़बर

kitni zulfen udi kitne aanchal ude

कितनी ज़ुल्फ़ें उड़ीं कितने आँचल उड़े चाँद को क्या ख़बर कितना मातम हुआ कितने आँसू बहे चाँद को

गली में दर्द के पुर्ज़े तलाश करती थी

gali me dard ke purje talash karti thi

गली में दर्द के पुर्ज़े तलाश करती थी मेरे ख़ुतूत के टुकड़े तलाश करती थी, कहाँ गई वो

हम ने जो दीप जलाए हैं तेरी गलियों में

hum ne jo deep jalayae hain

हम ने जो दीप जलाए हैं तेरी गलियों में अपने कुछ ख़्वाब सजाए हैं तेरी गलियों में, जाने

वो ख़ुश अंदाज़ ओ ख़ुश अतवार कहीं मिलते हैं

wo khush andaz o khush avtar kahin milte

वो ख़ुश अंदाज़ ओ ख़ुश अतवार कहीं मिलते हैं ज़िंदगी तेरे परस्तार कहीं मिलते हैं, जैसे एक मोड़

इश्क़ से अक़्ल का फ़ुक़्दान ख़रीदा हम ने

ishq se aql ka fuqdaan kharida ham ne

इश्क़ से अक़्ल का फ़ुक़्दान ख़रीदा हम ने और वो भी अलल ऐलान ख़रीदा हम ने, हम ने

दुश्वार है इस अंजुमन आरा को समझना

dushwaar hai is anjuman aara ko samjhna

दुश्वार है इस अंजुमन आरा को समझना तन्हा न कभी तुम दिल ए तन्हा को समझना, हो जाए

वही बेबाकी ए उश्शाक़ है दरकार अब भी

wahi bebaki e ushshaaq hai darkar ab bhi

वही बेबाकी ए उश्शाक़ है दरकार अब भी है वही सिलसिला ए आतिश ओ गुलज़ार अब भी, अब