अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रखा है…
अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रखा है मगर चराग़ ने लौ को सँभाल रखा है, मोहब्बतों में तो
Life Status
अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रखा है मगर चराग़ ने लौ को सँभाल रखा है, मोहब्बतों में तो
उड़ते हैं गिरते हैं फिर से उड़ते हैं उड़ने वाले उड़ते उड़ते उड़ते हैं, कोई उस बूढे पीपल
तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक़ है मेरी तरह उसे भी किताबों का शौक़ है, वर्ना तो
वो इंसाँ जो शिकार ए गर्दिश ए अय्याम होता है भला करता है दुनिया का मगर बदनाम होता
यहाँ किसी को आवाज़ कहाँ उठाने देता है कोई ज़रा सी आवाज़ करो तो गला दबा देता है
ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे, कह देना समुंदर से हम
ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते,
तेरा ये लुत्फ़ किसी ज़ख़्म का उन्वान न हो ये जो साहिल सा नज़र आता है तूफ़ान न
जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे हज़ारों तरफ़ से निशाने लगे, हुई शाम यादों के एक गाँव में
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बदमिज़ाज सी