न ज़रूरत है दवा की न दुआ की दोस्तों !

naa zarurat dawa ki naa dua ki dosto

न ज़रूरत है दवा की न दुआ की दोस्तों ! दिल की गहराई से ज्यादा दर्द के फोड़े

दौर ए ज़दीद में गुनाह ओ सवाब बिकते है

daur e zadid me gunah o savab bikte hai

दौर ए ज़दीद में गुनाह ओ सवाब बिकते है वतन में अब जुबां, क़लम ज़नाब बिकते है, पहले

ये और बात दूर रहे मंज़िलों से हम

ye aur baat rahe manzilo se door ham

ये और बात दूर रहे मंज़िलों से हम बच कर चले हमेशा मगर क़ाफ़िलों से हम, होने को

हर एक हज़ार में बस पाँच सात हैं…

har ek hazaar me bas panch saath log hai hum log

हर एक हज़ार में बस पाँच सात हैं हम लोग निसाब ए इश्क़ पे वाजिब ज़कात हैं हम

खेल दोनों का चले तीन का दाना न पड़े

khel dono ka chale teen ka daana na pade

खेल दोनों का चले तीन का दाना न पड़े सीढ़ियाँ आती रहें साँप का ख़ाना न पड़े, देख

रास्ते की धूल ने पैरों को ज़ख़्मी कर दिया

raaste ki dhool ne pairo ko zakhmi kar diya

रास्ते की धूल ने पैरों को ज़ख़्मी कर दिया बहर से माही अलग करना मुझे आता नहीं, बैठ

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं

apno ne wo ranz diya hai begaane yaad aate hai

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं देख के उस बस्ती की हालत वीराने याद

अफ़सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है

afsos tumhe kaar ke shishe ka hua hai

अफ़सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है परवाह नहीं एक माँ का जो दिल टूट गया है,

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह

aag hai faili hui kaali ghataaon ki tarah

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह बद दुआएँ हैं लबों पर अब दुआओं की जगह, इंतिख़ाब

वतन नसीब कहाँ अपनी क़िस्मतें होंगी

vatan nasib kahan apni qismate hongi

वतन नसीब कहाँ अपनी क़िस्मतें होंगी जहाँ भी जाएँगे हम साथ हिजरतें होंगी, कभी तो साहिब ए दीवार