ग़म है वहीं प ग़म का सहारा गुज़र गया

gam hai wahi pa gam ka sahara guzar

ग़म है वहीं प ग़म का सहारा गुज़र गया दरिया ठहर गया है किनारा गुज़र गया, बस ये

दिल के बहलाने का सामान न समझा जाए

dil ke bahlane ka samaan na

दिल के बहलाने का सामान न समझा जाए मुझको अब इतना भी आसान न समझा जाए, मैं भी

दिल इश्क़ में बे पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो

ishq dil me be payaan sauda ho to aisa ho

दिल इश्क़ में बे पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो दरिया हो तो ऐसा हो सहरा हो तो

वो एक रात की गर्दिश में इतना हार गया

wo ek raat ki gardish me itna haar gaya

वो एक रात की गर्दिश में इतना हार गया लिबास पहने रहा और बदन उतार गया, हसब नसब

ख़ुद को इतना जो हवादार समझ रखा है

khud ko itna jo hawadaar samjh rakha

ख़ुद को इतना जो हवादार समझ रखा है क्या हमें रेत की दीवार समझ रखा है, हमने किरदार

दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर…

dard aasaani se kab pahlu badal kar nikla

दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर निकला आँख का तिनका बहुत आँख मसल कर निकला, तेरे मेहमान

गर मयकश हूँ तो जाम का मै तलबगार हूँ

Gar-maykash-hoon-to

गर मयकश हूँ तो जाम का मै तलबगार हूँ शिकस्तादिल हूँ मगर गम का खरीदार हूँ, काफिलों की

वो दिल नवाज़ है लेकिन नज़र शनास नहीं

wo dil nawaz hai lekin nazar shanaas nahi

वो दिल नवाज़ है लेकिन नज़र शनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं

वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए

wo sahilo pe gaane wale kya hue

वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए वो कश्तियाँ चलाने वाले क्या हुए ? वो सुब्ह आते आते

मुसाफ़िर भी सफ़र में इम्तिहाँ देने से डरते हैं

musafir bhi safar me

मुसाफ़िर भी सफ़र में इम्तिहाँ देने से डरते हैं मोहब्बत क्या करेंगे वो जो जाँ देने से डरते