जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा..

jidhar jaate hai sab jana udhar

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता, ग़लत

कहते हो तुम्हें हस्ब ए तमन्ना नहीं मिलता

kahte ho tumhe hasb e tamanna

कहते हो तुम्हें हस्ब ए तमन्ना नहीं मिलता कम दाम लगाने से तो सौदा नहीं मिलता, वो धूप

दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है

duniya e akidat me azab rasm

दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है जो दश्त में मजनूँ था वो मरकज़ मे वली है,

तेरी आँखों ने आँखों का सिसकना भी नहीं देखा

teri aankhon ne aankhon ka

तेरी आँखों ने आँखों का सिसकना भी नहीं देखा मुहब्बत भी नहीं देखी, तड़पना भी नहीं देखा, नहीं

जीना मुश्किल है कि आसान ज़रा देख तो लो

jina mushkil hai ki aasaan

जीना मुश्किल है कि आसान ज़रा देख तो लो हर शख़्स लगता है परेशान ज़रा देख तो लो,

मौत भी क्या अज़ीब हस्ती है…

maut bhi kya azib hasti hai

मौत भी क्या अज़ीब हस्ती है जो ज़िंदगी के लिए तरसती है, दिल तो एक शहर है जुदाई

इंसान को वक़्त के हिसाब से चलना पड़ता है

insan ko waqt ke hisab se

इंसान को वक़्त के हिसाब से चलना पड़ता है बाद ठोकर ही सही आख़िर संभलना पड़ता है, हमदर्द

जिस तरह चढ़ता है उसी तरह उतरता है

jis tarah chadhta hai usi tarah

जिस तरह चढ़ता है उसी तरह उतरता है चोटियों पर सदा के लिए कौन ठहरता है ? बहुत

दुख और तरह के हैं दुआ और तरह की

dukh aur tarah ke hai dua aur

दुख और तरह के हैं दुआ और तरह की और दामन ए क़ातिल की हवा और तरह की,

नज़र फ़रेब ए क़ज़ा खा गई तो क्या होगा

nazar fareb e qaza khaa gai

नज़र फ़रेब ए क़ज़ा खा गई तो क्या होगा हयात मौत से टकरा गई तो क्या होगा ?