एक वो इतने खूबरू तौबा

ek-wo-itne-khoobroo

एक वो इतने खूबरू तौबा उसपे छूने की आरज़ू तौबा ! हाथ काँपेंगे रूह मचलेगी जब वो आएँगे

इश्क़ जब एक मगरूर से हुआ तो फिर…

इश्क़ जब एक मगरूर

इश्क़ जब एक मगरूर से हुआ तो फिर छोड़ कर अना ख़ुद को झुकाना पड़ा मुझे, उसने खेला

लरज़ती छत शिकस्ता बाम ओ दर से बात करनी है

larzati-chhat-shikasta-baam

लरज़ती छत शिकस्ता बाम ओ दर से बात करनी है मुझे तन्हाई में कुछ अपने घर से बात

महफ़िल से मुझको उठाने के बाद

mahfil-se-mujhko-uthane

महफ़िल से मुझको उठाने के बाद क्या मिलेगा दिल दुखाने के बाद, आज तो देख लूँ मैं तुम्हे

अपने हो कर भी जो नहीं मिलते

apne-ho-kar-bhi

अपने हो कर भी जो नहीं मिलते दिल ये जा कर है क्यूँ वही मिलते ? यहाँ मिलती

यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे

yun-baat-baat-pe

यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे वो खुल रहा है मुसलसल ज़रा ज़रा मुझसे, मैं शाख

तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं

tere-liye-sab-chhod

तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं दुनियाँ भी गई इश्क़ में, तुझसे भी गया

ख़ुद को न ऐ बशर कभी क़िस्मत पे छोड़ तू

khud-ko-n-ae

ख़ुद को न ऐ बशर कभी क़िस्मत पे छोड़ तू दरिया की तेज धार को हिम्मत से मोड़

दर्द हो, दुःख हो तो दवा कीजिए

dard-ho-dukh-ho

दर्द हो, दुःख हो तो दवा कीजिए फट पड़े आसमां तो क्या कीजिए ? नहीं इलाज़ ए गम

जब लहज़े बदल जाएँ तो वज़ाहते कैसी…

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जब लहज़े बदल जाएँ तो वज़ाहते कैसी नयी मयस्सर हो जाएँ तो पुरानी चाहतें कैसी ? वस्ल में