उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या

umr guzregi imtihaan me

उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या दाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या मेरी हर बात बे असर

क़ैद शीशे में रहूँ अक्स बनूँ शाद रहूँ

qaid shishe me rahoon

क़ैद शीशे में रहूँ अक्स बनूँ शाद रहूँ या कि फिर फोड़ के ये आइना आज़ाद रहूँ यूँ

किसी को नींद मिली तो किसी को ख़्वाब मिला

kisi ko neend mili

किसी को नींद मिली तो किसी को ख़्वाब मिला हर एक बशर को याँ मौक़ा ए इंतिख़ाब मिला,

हम अब क्या बताएँ कहाँ तक गए

hum ab kya batayen

हम अब क्या बताएँ कहाँ तक गए गुमाँ के मुसाफ़िर गुमाँ तक गए, हिसार ए जहाँ तक है

ये जिस्म मेरा थक के बहुत चूर हुआ है

ye zism mera thak

ये जिस्म मेरा थक के बहुत चूर हुआ है किस कार ए मुसलसल पे ये मामूर हुआ है

कोई हसरत कोई अरमान नहीं रखते हैं

koi hasrat koi armaan

कोई हसरत कोई अरमान नहीं रखते हैं हम तो मुद्दत से ये सामान नहीं रखते हैं, ज़ख़्म रखते

वो ज़ख़्म छोड़ो अब जिसका निशान बाक़ी नहीं

wo zakhm chhodo ab

वो ज़ख़्म छोड़ो अब जिसका निशान बाक़ी नहीं सो मेरे हक़ में कोई भी बयान बाक़ी नहीं, बच्चे

दोस्ती है धर्म मेरा ज़ात मेरी

dosti hai dharm mera

दोस्ती है धर्म मेरा ज़ात मेरी दुश्मनों से पूछिए औक़ात मेरी, इश्क़ क्या है जाल है मैं ने

दुश्मन है कौन और मेरा यार कौन है

dushman hai kaun aur

दुश्मन है कौन और मेरा यार कौन है खुलता नहीं कि बरसर ए पैकार कौन है ? दरिया

हर घड़ी आफ़ियत हर घड़ी शुक्रिया

har ghadi aafiyat har

हर घड़ी आफ़ियत हर घड़ी शुक्रिया हासिल ए ज़िंदगी आगही शुक्रिया, मुझ को मर कर भी एक ज़िंदगी