पानी के उतरने में अभी वक़्त लगेगा

paani-ke-utarne-me

पानी के उतरने में अभी वक़्त लगेगा हालात सँवरने में अभी वक़्त लगेगा, मच्छर से, कोरोना से अभी

फ़सुर्दगी का मुदावा करें तो कैसे करें

फ़सुर्दगी का मुदावा करें

फ़सुर्दगी का मुदावा करें तो कैसे करें वो लोग जो तेरे क़ुर्ब ए जमाल से भी डरें, एक

एक जाम खनकता जाम कि साक़ी रात गुज़रने वाली है

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एक जाम खनकता जाम कि साक़ी रात गुज़रने वाली है एक होश रुबा इनआ’म कि साक़ी रात गुज़रने

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था

door-tak-chhaye-the

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न

जो हम पे गुज़रे थे रंज़ सारे, जो ख़ुद पे गुज़रे तो लोग समझे

jo-ham-pe-guzre

जो हम पे गुज़रे थे रंज़ सारे, जो ख़ुद पे गुज़रे तो लोग समझे जब अपनी अपनी मुहब्बतों

नसीम ए सुबह गुलशन में गुलो से खेलती होगी

nasim-e-subah-gulshan

नसीम ए सुबह गुलशन में गुलो से खेलती होगी किसी की आख़िरी हिचकी किसी की दिल्लगी होगी, तुम्हे

उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर

umr-bhar-chalte-rahe

उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर परवरिश पाई है अपने ख़ून ही की धार पर,

जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी

jis-taraf-chahoon-pahunch

जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी मैं तो आवाज़ हूँ आवाज़ की हिजरत कैसी ? सुनने वालों

हुस्न ए मह गरचे बहंगाम ए कमाल अच्छा है

husn-e-mah-garche

हुस्न ए मह गरचे बहंगाम ए कमाल अच्छा है उससे मेरा मह ए ख़ुर्शीद जमाल अच्छा है, बोसा

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है

zindagi ki kashmakash se pareshan bahut hai

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है, यूँ सामने आ