दुनिया में यूँ भी हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी

duniya-me-yun-bhi

दुनिया में यूँ भी हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी अपनी कहाँ है जैसे उधारी है ज़िन्दगी, आवाज़ मुझको ना

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है

sansar-ki-har-shay

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है एक धुंध से आना है एक धुंध में जाना

मर चुका हूँ कई बार फिर भी कई बार मरना है

mar-chuka-hoo-kai

मर चुका हूँ कई बार फिर भी कई बार मरना है मरने से पहले ज़िन्दगी को रग रग

घबराने से मसले हल नहीं होते

ghabrane-se-masle-hal

घबराने से मसले हल नहीं होते जो आज है वो कल नहीं होते, याद रखना हमेशा इस बात

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है

duniya-jise-kahte-hai

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है,

बात इधर उधर तो बहुत घुमाई जा सकती है

baat-idhar-udhar-to

बात इधर उधर तो बहुत घुमाई जा सकती है पर सच्चाई भला कब तक छुपाई जा सकती है

अब मुहब्बत का इरादा बदल जाना भी मुश्किल है

ab-muhabbat-ka-irada

अब मुहब्बत का इरादा बदल जाना भी मुश्किल है उन्हें खोना भी मुश्किल,उन्हें पाना भी मुश्किल है, ज़रा

रह के मक्कारों में मक्कार हुई है दुनिया

rah-ke-makkaro-me

रह के मक्कारों में मक्कार हुई है दुनिया मेरे दुश्मन की तरफ़दार हुई है दुनिया, पाक दामन थी

ऐसा अपनापन भी क्या जो अज़नबी महसूस हो

aisa-apnapan-bhi-kya

ऐसा अपनापन भी क्या जो अज़नबी महसूस हो साथ रह कर भी गर मुझे तेरी कमी महसूस हो,

जो दिख रहा है उसी के अंदर जो…

jo-dikh-raha-hai

जो दिख रहा है उसी के अंदर जो अनदिखा है वो शायरी है, जो कह सका था वो