खेल दोनों का चले तीन का दाना न पड़े

khel dono ka chale teen ka daana na pade

खेल दोनों का चले तीन का दाना न पड़े सीढ़ियाँ आती रहें साँप का ख़ाना न पड़े, देख

रास्ते की धूल ने पैरों को ज़ख़्मी कर दिया

raaste ki dhool ne pairo ko zakhmi kar diya

रास्ते की धूल ने पैरों को ज़ख़्मी कर दिया बहर से माही अलग करना मुझे आता नहीं, बैठ

ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के साए में ज़िंदगी गुज़ारी है

zulf o rukh ke saaye me zindagi guzaari hai

ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के साए में ज़िंदगी गुज़ारी है धूप भी हमारी है छाँव भी हमारी है, ग़मगुसार

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं

apno ne wo ranz diya hai begaane yaad aate hai

अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं देख के उस बस्ती की हालत वीराने याद

अफ़सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है

afsos tumhe kaar ke shishe ka hua hai

अफ़सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है परवाह नहीं एक माँ का जो दिल टूट गया है,

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह

aag hai faili hui kaali ghataaon ki tarah

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह बद दुआएँ हैं लबों पर अब दुआओं की जगह, इंतिख़ाब

वतन नसीब कहाँ अपनी क़िस्मतें होंगी

vatan nasib kahan apni qismate hongi

वतन नसीब कहाँ अपनी क़िस्मतें होंगी जहाँ भी जाएँगे हम साथ हिजरतें होंगी, कभी तो साहिब ए दीवार

दिल में रखता है न पलकों पे बिठाता…

dil me rakhta hai na palako pe bithata hai mujhe

दिल में रखता है न पलकों पे बिठाता है मुझे फिर भी एक शख्स में क्या क्या नज़र

ज़ुल्फ़, अँगड़ाई, तबस्सुम, चाँद, आईना…

zulf angdaai chaand tabassum aaina gulab

ज़ुल्फ़, अँगड़ाई, तबस्सुम, चाँद, आईना, गुलाब भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इन सब का शबाब, पेट के

तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है

teer par teer lagaao tumhe dar kiska hai

तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है सीना किस का है मेरी जान जिगर किस का