सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी से नहीं ये
Life Poetry
सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी से नहीं ये
लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा करहो जाएगी तेरी मुश्किल आसान पढ़ा कर, पढ़ने के लिए अगर
मुझ में है खामियाँ मुज़रिम बता रहे हैताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है, ज़ुल्म तो ये है
मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहतेदो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते इक हम हैं
मुझे गुमनाम रहने काकुछ ऐसा शौक है हमदमकिसी बेनाम सहरा मेंभटकती रूह हो जैसे, जहाँ साये तरसते होकिसी