कोई काबा न कलीसा न सनम मेरा है

koi qaaba na kalisa na sanam mera hai

कोई काबा न कलीसा न सनम मेरा है एक नए ख़्वाब की धरती पे क़दम मेरा है, सारी

जिसके साथ अपनी माँ की दुआएँ होती है

jiske saath apni maa ki duaayen hoti hai

जिसके साथ अपनी माँ की दुआएँ होती है उसके मुक़द्दर में जन्नत की हवाएँ होती है, जिसे माँ

जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए

jo kahin naa mile wo khushi chahiye

जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए दर्द चाहे कैसा भी हो बंदगी चाहिए, मुझे अब ख्वाहिश ए

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन

wo bakhshta hai gunaah e azim bhi

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन हमारी छोटी सी नेकी संभाल रखता है, हम उसे भूल

न है बुतकदा की तलब मुझे न हरम के दर की तलाश है

na hai butqada ki talab mujhe

न है बुतकदा की तलब मुझे न हरम के दर की तलाश है जहाँ लुट गया है सुकून

कितनी तरकीबें कीं बातिन के लिए

kitni tarkiben ki baatin ke

कितनी तरकीबें कीं बातिन के लिए नून साकिन मीम साकिन के लिए, मेरे अपने मुझ से जब बरहम

सरबुरीदा कोई लश्कर नहीं देखा जाता

sarburida koi lashkar nahin

सरबुरीदा कोई लश्कर नहीं देखा जाता हम से ये ज़ुल्म का मंज़र नहीं देखा जाता, अपनी आँखों को

ज़माने की हवा बदली उधर रंग ए चमन बदला

zamane ki hawa badli

ज़माने की हवा बदली उधर रंग ए चमन बदला गुलों ने जब रविश बदली अनादिल ने वतन बदला,

इन्सान हूँ इंसानियत की तलब है

insan hoon insaniyat ki

इन्सान हूँ इंसानियत की तलब हैकिसी खुदाई का तलबगार नहीं हूँ, ख़ुमारी ए दौलत ना शोहरत का नशाअबतक

मुझ से कहा जिब्रील ए जुनूँ ने ये भी वहइ ए इलाही है

mujh se kaha jibril

मुझ से कहा जिब्रील ए जुनूँ ने ये भी वहइ ए इलाही है मज़हब तो बस मज़हब ए