बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की
बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की मुश्किलों में डाल देगी ज़िंदगानी आप की, देख कर हैरत है सब को
Ghazals
बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की मुश्किलों में डाल देगी ज़िंदगानी आप की, देख कर हैरत है सब को
चर्चा है आज बस यही हर एक ज़बान पर जल्दी बनेगी फ़िल्म मेंरी दास्तान पर, मैंने जमा के
दीदार माहताब का शब भर नहीं हुआ रौशन मेंरे नसीब का अख़्तर नहीं हुआ, हर दम वही हुआ
हिज्र की धूप में छाओं जैसी बातें करते हैं आँसू भी तो माओं जैसी बातें करते हैं, रस्ता
हर सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँढते हैं हम जो दिल में घर करे वो नज़र ढूँढते
चराग़ ख़ुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया वो ग़ैर था उसे अपना बना के छोड़ दिया, हज़ार
कुटिया में कौन आएगा इस तीरगी के साथ अब ये किवाड़ बंद करो ख़ामोशी के साथ, साया है
बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है हर आदमी में कोई दूसरा भी होता है, तुम अपने
गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया, एक इश्क़
अजल होती रहेगी इश्क़ कर के मुल्तवी कब तक मुक़द्दर में है या रब आरज़ू ए ख़ुदकुशी कब