तेरे हुस्न की ख़ैर बना दे एक दिन का सुल्तान मुझे

tere husn ki khair

तेरे हुस्न की ख़ैर बना दे एक दिन का सुल्तान मुझे आँखों को बस देखने दे और होंठों

ख़ुशी देखते हैं न ग़म देखते हैं

khushi dekhte hai na

ख़ुशी देखते हैं न ग़म देखते हैं हम अंदाज़ ए अहल ए करम देखते हैं, हर एक शय

आए हैं सराए में तो घर जाएँगे क्या है

aaye hai saraye me

आए हैं सराए में तो घर जाएँगे क्या है हम लोग किसी रोज़ गुज़र जाएँगे क्या है हम

माशूक़ अजब चीज़ है दे जिसको ख़ुदा दे

mashooq azab chij hai

माशूक़ अजब चीज़ है दे जिसको ख़ुदा दे हँसते को रुला दे यही रोते को हँसा दे, मशहूर

कुछ अब की बार तो ऐसा बिफर गया पानी

kuch ab ki bar

कुछ अब की बार तो ऐसा बिफर गया पानी बहा के ले गया हर शय जिधर गया पानी,

फ़क़ीराना तबीअत थी बहुत बेबाक लहजा था

faqeerana tabiyat thi bahut

फ़क़ीराना तबीअत थी बहुत बेबाक लहजा था कभी मुझ में भी हँसता खेलता एक शख़्स रहता था, बगूले

हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही

hum ko kis ke

हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही किस ने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी

पढ़िए सबक़ यही है वफ़ा की किताब का

padhiye sabaq yahi hai

पढ़िए सबक़ यही है वफ़ा की किताब का काँटे करा रहे हैं तआरुफ़ गुलाब का, कैसा ये इंतिशार

उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला है

udaasi aasmaan hai dil

उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला है परिंदा शाम के पुल पर बहुत ख़ामोश बैठा है, मैं

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे

ghar se nikale agar

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे वो गुलाबी कटोरे छलक जाएँगे, हम ने अल्फ़ाज़ को आइना कर