हम अब क्या बताएँ कहाँ तक गए

hum ab kya batayen

हम अब क्या बताएँ कहाँ तक गए गुमाँ के मुसाफ़िर गुमाँ तक गए, हिसार ए जहाँ तक है

ये जिस्म मेरा थक के बहुत चूर हुआ है

ye zism mera thak

ये जिस्म मेरा थक के बहुत चूर हुआ है किस कार ए मुसलसल पे ये मामूर हुआ है

कोई हसरत कोई अरमान नहीं रखते हैं

koi hasrat koi armaan

कोई हसरत कोई अरमान नहीं रखते हैं हम तो मुद्दत से ये सामान नहीं रखते हैं, ज़ख़्म रखते

वो ज़ख़्म छोड़ो अब जिसका निशान बाक़ी नहीं

wo zakhm chhodo ab

वो ज़ख़्म छोड़ो अब जिसका निशान बाक़ी नहीं सो मेरे हक़ में कोई भी बयान बाक़ी नहीं, बच्चे

दोस्ती है धर्म मेरा ज़ात मेरी

dosti hai dharm mera

दोस्ती है धर्म मेरा ज़ात मेरी दुश्मनों से पूछिए औक़ात मेरी, इश्क़ क्या है जाल है मैं ने

दुश्मन है कौन और मेरा यार कौन है

dushman hai kaun aur

दुश्मन है कौन और मेरा यार कौन है खुलता नहीं कि बरसर ए पैकार कौन है ? दरिया

हर घड़ी आफ़ियत हर घड़ी शुक्रिया

har ghadi aafiyat har

हर घड़ी आफ़ियत हर घड़ी शुक्रिया हासिल ए ज़िंदगी आगही शुक्रिया, मुझ को मर कर भी एक ज़िंदगी

सरबुरीदा कोई लश्कर नहीं देखा जाता

sarburida koi lashkar nahin

सरबुरीदा कोई लश्कर नहीं देखा जाता हम से ये ज़ुल्म का मंज़र नहीं देखा जाता, अपनी आँखों को

बदला मिज़ाज मैं ने जो अपना हवा के साथ

badla mizaj mai ne

बदला मिज़ाज मैं ने जो अपना हवा के साथ दरिया था मेरे साथ किनारा हवा के साथ, फिर

बे सोज़ ए निहाँ महव ए फ़ुग़ाँ हो नहीं सकता

be soz e nihaan

बे सोज़ ए निहाँ महव ए फ़ुग़ाँ हो नहीं सकता जब तक न लगे आग धुआँ हो नहीं