रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ

ranjish hi sai dil

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए

हर बज़्म में मौज़ू ए सुख़न दिल ज़दगाँ का

har bazm me mauzoo

हर बज़्म में मौज़ू ए सुख़न दिल ज़दगाँ का अब कौन है शीरीं है कि लैला है कि

सब हमारे लिए ज़ंजीर लिए फिरते हैं

sab humare liye zanjeer

सब हमारे लिए ज़ंजीर लिए फिरते हैं हम सर ए ज़ुल्फ़ ए गिरह गीर लिए फिरते हैं, कौन

जान हम तुझ पे दिया करते हैं

jaan hum tujh pe

जान हम तुझ पे दिया करते हैं नाम तेरा ही लिया करते हैं, चाक करने के लिए ऐ

जिस सम्त भी देखूँ नज़र आता है कि तुम हो

jis simt bhi dekhoon

जिस सम्त भी देखूँ नज़र आता है कि तुम हो ऐ जान ए जहाँ ये कोई तुम सा

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे

tumhare shahar ka mausam

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे, तुम्हारे बस

रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया

rukhsat hua to aankh

रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया वो क्यूँ गया है ये भी बता कर नहीं गया,

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

suna hai log use

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के

क़ैद शीशे में रहूँ अक्स बनूँ शाद रहूँ

qaid shishe me rahoon

क़ैद शीशे में रहूँ अक्स बनूँ शाद रहूँ या कि फिर फोड़ के ये आइना आज़ाद रहूँ यूँ

किसी को नींद मिली तो किसी को ख़्वाब मिला

kisi ko neend mili

किसी को नींद मिली तो किसी को ख़्वाब मिला हर एक बशर को याँ मौक़ा ए इंतिख़ाब मिला,