इल्म ओ हुनर से क़ौम को रग़बत नहीं रही

ilm o hunar se qaum ko ragbat nahin rahi

इल्म ओ हुनर से क़ौम को रग़बत नहीं रही इस पर शिकायतें कि फ़ज़ीलत नहीं रही, बदलेगा क्या

पिछले किसी सफ़र का सितारा न ढूँढ ले

pichhle kisi safar ka sitara naa dhoondh le

पिछले किसी सफ़र का सितारा न ढूँढ ले फिर से कहीं वो साथ हमारा न ढूँढ ले, जिस

दिल के अंदर एक ज़रा सी बे कली है आज भी

dil ke andar ek zara see be kali hai

दिल के अंदर एक ज़रा सी बे कली है आज भी जो मेरे अफ़्कार में रस घोलती है

मेरे चेहरे में कोई और ही चेहरा देखे

mere chehre me koi aur hi

मेरे चेहरे में कोई और ही चेहरा देखे वक़्त माथे की लकीरों में वो ठहरा देखे, सब को

कहता रहे ज़माना गुनहगार ज़िंदगी

kahta rahe zamana gunahgaar zindagi

कहता रहे ज़माना गुनहगार ज़िंदगी कुछ लोग जी रहे हैं मज़ेदार ज़िंदगी, किरदार अपना अपना निभाते हैं सब

हर किसी की है ज़बानी दोस्ती

har kisi ki hai zabani dosti

हर किसी की है ज़बानी दोस्ती क्या किसी की आज़मानी दोस्ती, थे मुसाफ़िर दो अलग रस्तों के हम

मिल के बैठें तो हम कहीं पहले

mil ke baithe to hum kahin pahle

मिल के बैठें तो हम कहीं पहले बाँट लेते हैं क्यूँ ज़मीं पहले ? होगा तेरा भी एतिबार

अक़्ल की ऐसी ताबेदारी है

akl ki aisi taabedari hai

अक़्ल की ऐसी ताबेदारी है ख़्वाहिशों में भी इंकिसारी है, चल पड़ी है अजल की राहों पर ज़िंदगी

हैं मेरी परवाज़ के तेवर नए

hain meri parwaz ke tewar naye

हैं मेरी परवाज़ के तेवर नए साथ मेरे देखिए मंज़र नए, एक पुराने मयकदे में तिश्नगी ढूँढती है

कोई काबा न कलीसा न सनम मेरा है

koi qaaba na kalisa na sanam mera hai

कोई काबा न कलीसा न सनम मेरा है एक नए ख़्वाब की धरती पे क़दम मेरा है, सारी