सब झाड़ फूँक सीख गए शेख जी से हम

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सब झाड़ फूँक सीख गए शेख जी से हममुर्गे को ज़िबह करते है उल्टी छुरी से हम, बचपन

इब्तिदा ए इश्क़ में मेरा

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इब्तिदा ए इश्क़ में मेरायूँ हुआ दिल ख़राब आधा, कि जैसे सिख पर चढ़ते हीजल गया हो कबाब

लानत है तेरी ज़िन्दगी पे नहीं तू किसी काज का…

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लानत है तेरी ज़िन्दगी पे नहीं तू किसी काज काशक्ल ए इंसानी में छुपा तू इब्लीस के मिजाज़

ज़रा सी देर ठहर कर सवाल करते है

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ज़रा सी देर ठहर कर सवाल करते हैसफ़र से आये हुओ का ख्याल करते है, मैं जानता हूँ

दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता है…

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दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता हैकोई धड़कन का ख़रीदार भी हो सकता है, कोई हो

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गया

nakhl e mamnua ke

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया

नख्ल ए ममनूअ के

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?