मेरा दिल बुराई से तू साफ़ कर दे…
मेरा दिल बुराई से तू साफ़ कर दे ऐ देने वाले मुझे माफ़ कर दे, मेरी तरफ
Dua Poetry
मेरा दिल बुराई से तू साफ़ कर दे ऐ देने वाले मुझे माफ़ कर दे, मेरी तरफ
अब तो बस ये जान है मौला बाक़ी झूठी शान है मौला, गम का कोई निशाँ नहीं है
हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है, रब भी जब चाहे हम साथ
सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते हर दर पे जो झुक जाए उसे सर
चराग़ अपनी थकन की कोई सफ़ाई न दे वो तीरगी है कि अब ख़्वाब तक दिखाई न दे,
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह, मैनें तुझसे चाँद
ज़िन्दगी दी है तो जीने का हुनर भी देना पाँव बख्शे है तो तौफ़ीक ए सफ़र भी देना,
मेरे लोग ख़ेमा ए सब्र में मेरा शहर गर्द ए मलाल में अभी कितना वक़्त है ऐ ख़ुदा
सावन को ज़रा खुल के बरसने की दुआ दो हर फूल को गुलशन में महकने की दुआ दो,
हारे हुए नसीब का मयार देख कर वो चल पड़ा है इश्क़ का अख़बार देख कर, आयेंगी काम