जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए

jo kahin naa mile wo khushi chahiye

जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए दर्द चाहे कैसा भी हो बंदगी चाहिए, मुझे अब ख्वाहिश ए

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन

wo bakhshta hai gunaah e azim bhi

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन हमारी छोटी सी नेकी संभाल रखता है, हम उसे भूल

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे

hamen ye khauf tha ek din yahi se

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे हमारे ख्वाब तुम्हारी तहीं से टूटेंगे, बददुआ तो नहीं

इस नये साल पे ये सदा है ख़ुदा से

is naye saal pe ye sada hai

इस नये साल पे ये सदा है ख़ुदा से सलामत रहे वतन हर एक बला से, न पलकों

कोई ज़ब्त दे न जलाल दे…

koi zabt de na jalal de

कोई ज़ब्त दे न जलाल दे मुझे सिर्फ़ इतना कमाल दे, मुझे अपनी राह पे डाल दे कि

मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे

mere khuda mujhe taab e nay e nawai de

मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे मैं चुप रहूँ भी तो नग़्मा मेरा सुनाई दे,

किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा

kis simt chal padi hai khudaai ae mere khuda

किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा नफ़रत ही दे रही है दिखाई ऐ मेरे ख़ुदा,

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया

tarif us khuda ki jisne jahan banaya

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी से बेल बूटे

यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ?

yahan-marne-ki-duaayen

यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ? यहाँ जीने की तमन्ना कौन करे ? ये दुनियाँ हो या

ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ

ye-kab-chaha-ki

ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ, नसीहत कर रही