दिल की हर बात तेरी मुझ को बता देती है
दिल की हर बात तेरी मुझ को बता देती है तेरी ख़ामोश नज़र मुझ को सदा देती है,
दिल की हर बात तेरी मुझ को बता देती है तेरी ख़ामोश नज़र मुझ को सदा देती है,
ग़म ए उल्फ़त में डूबे थे उभरना भी ज़रूरी था हमें राह ए मोहब्बत से गुज़रना भी ज़रूरी
अब ख़ाक तो किया है दिल को जला जला कर करते हो इतनी बातें क्यूँ तुम बना बना
हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तुजू करें दिल ही नहीं रहा है कि कुछ आरज़ू करें,
सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं लेकिन इस तर्क ए मोहब्बत का भरोसा भी
ज़िंदगी वादी ओ सहरा का सफ़र है क्यूँ है ? इतनी वीरान मेरी राह गुज़र है क्यूँ है
मुट्ठी भर लोगों के हाथों में लाखों की तक़दीरें हैं जुदा जुदा हैं धर्म इलाक़े एक सी लेकिन
तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनाएँगे, तुम जो
अज़ीज़ो न पूछो कहाँ रह गया जहाँ जी लगा बस वहाँ रह गया, जो रहना था बर्क़ ए
मुकम्मल मोहब्बत का दस्तूर देखा यहीं सारी दुनिया को मजबूर देखा, हर एक सम्त मैंने नया तूर देखा